सेटिंग कर हत्यारोपियों को जेल भेजने के मामले में बड़ा ऐक्शन, दरोगा समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड
Murder Accused Sent to Jail with Guns
बदायूं। Murder Accused Sent to Jail with Guns: बरेली पुलिस हत्यारोपित भूरे यादव व राजवीर की तलाश में दौड़ती रह गई। दूसरी ओर दोनों आरोपितों ने पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए पुलिस को ही मोहरा बना लिया। बदायूं की मंडी चौकी प्रभारी वीर सिंह व सिपाहियों से साठगांठ कर दोनों आरोपित तमंचा रखने के आरोप में जेल चले गए। यह बात अधिकारियों तक पहुंची तब खलबली मची।
आरंभिक जांच में मिलीभगत की पुष्टि होने पर चौकी प्रभारी और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया। एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने चारों के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। गत 27 नवंबर को बरेली के रजऊ में जनसेवा केंद्र संचालक नन्हे बाबू की हत्या की थी। इस प्राथमिकी में मुख्य आरोपित भूरे यादव व उसका भाई राजवीर यादव फरार था।
बदायूं भाग गए थे आरोपित
सरेशाम हत्याकांड ने पुलिस को चुनौती दी थी इसलिए दोनों आरोपितों की तलाश में कई टीमें लगाईं गईं। पुलिस महकमे में चर्चा है कि दोनों को एनकाउंटर का डर सताया, इसलिए बदायूं भाग गए थे। यहां सिविल लाइंस क्षेत्र में पूर्व परिचित मंडी चौकी प्रभारी दारोगा वीर सिंह से मुलाकात की तो उसने बचने का रास्ता तैयार किया गया।
साठगांठ से तैयार हुई पटकथा के अनुसार, मंगलवार को वीर सिंह ने प्रेसनोट जारी किया। उसमें लिखा गया कि चेकिंग के दौरान बरेली के रजऊ निवासी भूरे व राजवीर यादव को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया गया। उपलब्धि के तौर पर प्रेसनोट में गिरफ्तारी करने वाली टीम में चौकी प्रभारी वीर सिंह, सिपाही शोभित यादव, कालीचरण व सुशील का नाम भी लिखा।
बुधवार को इसकी जानकारी नन्हे के स्वजन को हुई तो उन्होंने आइजी डा. राकेश कुमार सिंह से शिकायत की। उन्होंने बदायूं के एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह से बात की। आनन-फानन जांच बैठी, जिसमें चौकी प्रभारी वीर सिंह, सिपाही शोभित यादव, कालीचरण और सुशील कुमार को निलंबित कर दिया गया। एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि प्रकरण की जांच कराई गई। प्रथम दृष्टया साठगांठ का आरोप सही पाए जाने पर चारों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच भी कराई जा रही है।
ऐसे हुआ खेल
किसी भी दूसरे क्षेत्र में रहने वाले आरोपित को पकड़ने पर वहां की संबंधित थाना पुलिस को सूचना दी जाती है। इससे इतर, मंडी चौकी प्रभारी ने बिथरी चैनपुर पुलिस को भूरे व राजवीर के बारे में कुछ नहीं बताया। दोनों आरोपितों को लग रहा था कि सरेशाम हत्याकांड में बिथरी चैनपुर थाना पुलिस इनकाउंटर कर सकती है। इससे बचने के लिए चौकी प्रभारी वीर सिंह मददगार बन गया। अब दोनों बिथरी चैनपुर थाना पुलिस दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र देगी।